Monday, August 31, 2020

 




फुदक-फुदक चिड़ियाँ आतीं।

आँगन में दाना हैं खातीँ।।

चीं-चीं-चीं का राग सुनातीं।

सुबह-सबेरे हमें जगातीं।।

             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, August 29, 2020

 


छत्तीस का आँकड़ा, तिरेसठ में बदला।

मानों जुदाई का मौसम मिलन में।।

             डॉ. मंजूश्री गर्ग

 


Tuesday, August 25, 2020

 

झर-झर झरने,

कल-कल नदी,

टप-टप बूँदें

बरसात में।

पानी के भी

कितने राग।

                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

 


Monday, August 24, 2020

 



पानी पे लिखी कहानी

लहर-लहर बह चली।

सुनी सागर ने चुपचाप

बूँद-बूँद बरस चली।।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग

Sunday, August 23, 2020

 

हिन्दी भाषा में की मात्रा

डॉ. मंजूश्री गर्ग

हिन्दी भाषा में की मात्रा दो प्रकार से लगती है जब वर्ण के ऊपर लगती है तो उसे रेफ र्ककहते हैं और जब वर्ण के नीचे लगती है तो पदेन प्र, ट्रकहते हैं.

 

हिन्दी वर्णमाला के व्यंजनों में कोई ना कोई स्वर मिलाकर लिखा जाता है तभी वह पूर्ण अक्षर माना जाता है जैसे-

क्+अ=

क्+आ= का

अन्यथा वह वर्ण आधा अक्षर माना जाता है. तब या तो उस वर्ण के नीचे हम हलन्त लगा देते हैं जैसे- क्, ख्, आदि या शब्द में आगे वाले अक्षर के साथ मिलाकर लिख देते हैं. जैसे- बच्चा, कच्चा, आदि.

जब आधा वर्ण होता है तो आगे वाले अक्षर के ऊपर रेफ र्क की मात्रा के रूप में लिखा जाता है जैसे- सर्प, कर्म, पर्ण, पर्व, आदि; लेकिन जब से पहले कोई आधा वर्ण होता है तो पहले वाले अक्षर को पूरा लिखकर उसके नीचे पदेन क्र, ट्र के रूप में लिख दिया जाता है  जैसे- ट्रेन, प्रेम, ड्रामा, ट्री, आदि.

की मात्रा को अंग्रेजी शब्दों के माध्यम से भी समझा जा सकता है-

जब किसी शब्द में ‘R’ letter के साथ कोई   vowel(A, E, I, O, U) नहीं आता है तो की मात्रा ऊपर लगती है जैसे-

पर्णिका PARNIKA

और जब किसी शब्द में “R’ letter से पहले वाले  letter में कोई  vowel(A,E,I,O,U) नहीं आता है तो की मात्रा नीचे लगती है जैसे-

PRERANA प्रेरणा

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Saturday, August 22, 2020



इस पार से

उस पार मुझे तू

ले चल माँझी।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, August 18, 2020

 


चाँदनी रात

या तुम साथ मेरे

उजाले लिये।


                        डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, August 15, 2020


तेज बारिश

कड़कती बिजली

ठहरी राहें।

                              डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, August 14, 2020

 

हम एक हैं

राष्ट्र-धागे में पिरे

भारतवासी।


                                डॉ. मंजूश्री गर्ग



Tuesday, August 11, 2020



श्री कृष्ण चन्द्र

राधा संग बाँसुरी

सदा विराजे।

                              डॉ. मंजूश्री गर्ग 



Monday, August 10, 2020

 

सूना पटल

चितेरा है बादल

रचे भवन।

                              डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, August 6, 2020



राम लला ही
राम जन्म-भूमि पे
सदा विराजें।

                             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, August 3, 2020




राखी

नेह भीगे रेशमी धागे,
प्रेम पगे, रत्न-जड़े धागे।
बहन का प्यार बन मुस्काये,
राखी भाई की कलाई पे।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग