हिन्दी साहित्य
Monday, August 24, 2020
पानी पे लिखी कहानी
लहर-लहर बह चली।
सुनी सागर ने चुपचाप
बूँद-बूँद बरस चली।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment