कहीं न उनकी नजर से नजर किसी की लड़े।
वो इस लिहाज से आँखें झुकाए बैठे हैं।
नूर नारवी
वो शाम को घर लौट के आएंगे तो फिर
चाहेंगे कि सब भूल कर उनमें खो जाऊँ
जब इन्हें जागना है मैं भी जागूं
जब नींद इन्हें आये तो मैं भी सो जाऊँ।
जां निसार अख्तर
अनजाने के साथ, अनजाने पथ पे।
बढ़ तो गये कदम, पर सहमी है पायल।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
हवायें जरा धीरे चलो,
नदिया जरा धीरे बहो।
अधूरी है कहानी अभी,
मत कहना दूर तक अभी।
जरा आहट से टूटी नींद की टहनी।
ख्वाबों के जो फूल खिले थे बिखर गये।।
जिंदगी सुंदर गजल है दोस्तों
जिंदगी को गुनगुनाना चाहिए।
आजिम कोहली
खिलेंगे फूल
मौसम आने पर
धीरज धरो।
ये साज भी इंसानी हुनर की मिसाल है।
संगीत उतर आता है लोहे के तार में।।
लक्ष्मीशंकर वाजपेयी
यादों की छाँव में बैठ, जिंदगी कटती नहीं।
कुछ आज में जी लें, कुछ कल के सपने बुन लें।।
दीपावली 2020 की हार्दिक शुभकामनायें
आओ! आशा और विश्वास के दिये जलायें।
निराशा का अँधेरा दूर करने का करें प्रयास।।
पासे का खेल
'चौपड़' बना 'लूडो'
वही पुराना।
धागे में पिरे
माला बन गये ये
मोती निराले।
चंद्र श्रीहीन
सूरज सुषमामय
प्रातः बेला में।