Monday, November 30, 2020


कहीं न उनकी नजर से नजर किसी की लड़े।

वो इस लिहाज से आँखें झुकाए बैठे हैं।


                                    नूर नारवी 

Friday, November 27, 2020


वो शाम को घर लौट के आएंगे तो फिर

चाहेंगे कि सब भूल कर उनमें खो जाऊँ

जब इन्हें जागना है   मैं भी जागूं

जब नींद इन्हें आये तो मैं भी सो जाऊँ।


                                                      जां निसार अख्तर


Thursday, November 26, 2020


अनजाने के साथ, अनजाने पथ पे।

बढ़ तो गये कदम, पर सहमी है पायल।।

                                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Tuesday, November 24, 2020


हवायें जरा धीरे चलो,

नदिया जरा धीरे बहो।

अधूरी है कहानी अभी,

मत कहना दूर तक अभी।

 

                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Monday, November 23, 2020


जरा आहट से टूटी नींद की टहनी।

ख्वाबों के जो फूल खिले थे बिखर गये।।

 

                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

 

जिंदगी सुंदर गजल है दोस्तों

जिंदगी को गुनगुनाना चाहिए।


                                             आजिम कोहली

Thursday, November 19, 2020

 


खिलेंगे फूल

मौसम आने पर

धीरज धरो।


                                     डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, November 18, 2020


ये साज भी इंसानी हुनर की मिसाल है।

संगीत उतर आता है लोहे के तार में।।


                                         लक्ष्मीशंकर वाजपेयी 

Monday, November 16, 2020


यादों की छाँव में बैठ, जिंदगी कटती नहीं।

कुछ आज में जी लें, कुछ कल के सपने बुन लें।।

 

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, November 13, 2020



 

दीपावली 2020 की हार्दिक शुभकामनायें

 

आओ! आशा और विश्वास के दिये जलायें।

निराशा का अँधेरा दूर करने का करें प्रयास।।

      डॉ. मंजूश्री गर्ग        

  

Wednesday, November 11, 2020

 

पासे का खेल

'चौपड़' बना 'लूडो'

वही पुराना।


                       डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, November 5, 2020


धागे में पिरे

माला बन गये ये

मोती निराले।


                                     डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, November 2, 2020


चंद्र श्रीहीन

सूरज सुषमामय

प्रातः बेला में।


                             डॉ. मंजूश्री गर्ग