Wednesday, May 31, 2023


बनोगे संत

अहंकार अपना

तोड़ो तो सही।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, May 30, 2023


जग को दे दें।

महक औ' उजाला

फूल, दीप सा।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, May 29, 2023

 

    30 मई, 2023 ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष की दशवीं तिथि, गंगा दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें




स्वर्ग से गंगा,

भगीरथ प्रयत्न,

धरा पे आईं।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग



कौन कहता है मोहब्बत की जबान होती है,

ये हकीकत तो निगाहों से बयान होती है।


        मनोज मुंतशिर शुक्ला 

Sunday, May 28, 2023


अम्बर से बातें करेंगे,

धरा पे गीत लिखेंगे।

हो फुरसत तुम्हें देखने से,

जग से भी दो बातें करेंगे।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग         

  

Saturday, May 27, 2023


मुड़ जायेंगे

लचक है लता सी

चाहोगे जैसे।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, May 26, 2023


छोटी सी बात,

लंबे-लंबे संवाद,

सुलझी नहीं।


              डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

Thursday, May 25, 2023


नेह की नमी

हँसी की धूप मिले

खिले जीवन।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, May 24, 2023


बेटी सँवारे

दोनों कुल कूल से

बन के नदी।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, May 23, 2023


सिमट गयी

प्रेम धागे के संग

दुनिया सारी।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, May 21, 2023

प्रेम के पल

लालिमा कपोलों की

बनी प्रहरी।


                               डॉ. मंजूश्री गर्ग 


बंद मुठ्ठी में

अनगिन सपने

लेकर आये।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, May 20, 2023


नयनों में डोले, प्यार के डोरे।

दिल में हाँ-हाँ, अधरों पे ना-ना।।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग          

Thursday, May 18, 2023


ज्येष्ठ मास

वट-सावित्री पूजा

मावस-तिथि।


             डॉ. मंजूश्री गर्ग 


वृक्ष ना देते

समय से पहले

धरा को फल।


                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, May 17, 2023


गजल

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

पल-पल बदलते मौसम का हाल क्या कहिये।

रंग बदलती  दुनिया का हाल क्या कहिये।।

 

फटी  जीन्स  फैशन  है  आजकल का ।

अमीरी-गरीबी  का  हाल क्या कहिये ।।

 

कंक्रीटी-जंगलों   में  रहे  हैं  बदल।

शहरों का अब और हाल क्या कहिये ।।

 

बिन  बोले  ही बहुत बोले हैं नयन।

दिल का अब और हाल क्या कहिये ।।

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Tuesday, May 16, 2023


गजल

 

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

यादों के दिये, जब-जब जले,

निशान और भी, गहरे हुये।

 

उजालों के लिये, जब-जब लड़े,

अँधेरे  और  भी, गहरे हुये ।

 

फूलों के लिये, जब-जब बढ़े,

उपवन ने दिये, चुभते हुये।

 

पानी के लिये, जब-जब झुके,

नदी  ने  दिया, सहमे हुये।


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Monday, May 15, 2023


क्षण मुस्कायें

फिर झरें फूल से

दे के सुगंध।


             डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, May 14, 2023


सात सुरों में

निबद्ध है हमारा

संगीत प्यारा।


                डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, May 13, 2023


उम्र के साथ

जिंदगी में तैरती

यादों की नावें।


                           डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, May 12, 2023

 

    अपनों से जंग रणभूमि में नहीं, अपने को हराकर दिल से लड़नी होती है.


                                                                    डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, May 11, 2023


चित्रकार तुम चित्र बनाओ, स्वर्णिम नवल सवेरे का।

प्रकृति में पावन प्रकाश हो, नाम न बचे अँधेरे का।।


                                      विश्वास वर्धन गुप्त 

Wednesday, May 10, 2023


मीठे इतने

गाली भी देते हैं वो

लगे है मीठी।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, May 9, 2023


सुहाने पल

अतिथि बन आये

सदा दो पल।


                डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, May 8, 2023


तुमसे मिल

समर्पण का सुख

जाना हमने।


                           डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, May 7, 2023


छुअन है, सुगंध है, प्यार है।

सादा कागज भी खास है।

क्योंकि आपने हमें दिया है।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग          

Saturday, May 6, 2023


दौड़ते घोड़े

वेग औ' शक्ति के हैं

प्रतीक सदा।

                  डॉ. मंजूश्री गर्ग 



Friday, May 5, 2023

 


बिहारी जी की

वृन्दावन में राजे

मृदु मुस्कान।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, May 4, 2023

 

प्रेम की कनी ह्रदय में गड़ी है,

रस-सिक्त है जीवन उसी से।


              डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, May 3, 2023

 


कहाँ जाऊँ कासों कहौं, और ठौर न मेरो।

जनम गँवायो तेरे हि द्वारे, मैं किंकर तेरा।

                         तुलसीदास

 

Tuesday, May 2, 2023


संदेश

 

कोयल की कुहुक सी

आमों की सुगंध सी

महकती हवायें।

चारों दिशाओं से

दे रहीं हैं संदेश

प्रिय के आने का।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, May 1, 2023


बादलों से झाँक रहा चाँद

 

बादलों से झाँक रहा चाँद

धीरे-धीरे नदी के जल में

उतर  रहा  चाँद।

कर रहा अठखेलियाँ

बिखरा रहा चाँदनी।

नदी के सौंदर्य में

लगा रहा चार चाँद।


                डॉ. मंजूश्री गर्ग