Wednesday, March 31, 2021


जो कष्टों से घबराऊँ तो मुझमें कायर में भेद कहाँ।

बदले में रक्त बहाऊँ तो मुझमें डायर में भेद कहाँ ।


                                               माखनलाल चतुर्वेदी

Sunday, March 28, 2021

 


29मार्च, 2021, रंगभरी होली की मीठी सी शुभकामनायें

 

लाल, गुलाबी, हरे, पीले फूल खिलें हैं उपवन में।

मानों अनगिन रंग बिखेरे हों कुदरत ने।।

 

                  डॉ. मंजूश्री गर्ग


Wednesday, March 24, 2021


मैं चातक हूँ, तू बादल है,

 मैं लोचन हूँ, तू काजल है,

मैं प्यासा हूँ, तू गंगाजल है,

तू चाहे गंगाजल कह ले,

या अल्हड़ मस्ताना कह ले,

                             जिसने मेरा परिचय पूछा, मैं तेरा नाम बता बैठा।


                                 उदयभानु हंस

Monday, March 22, 2021



नयन पिचकारी से छिटक रहे हैं रंग,

खिल रहे दिल के दामन पर सदाबहार फूल.

 

                                                          डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, March 19, 2021


स्वार्थी राजनेता अपने को जनता का सेवक कहते हैं और चुनावों के समय जनता से झूठे वायदे करते हैं-


ये गरजते रहेंगे यूँ ही

कहने को घन घनेरे हैं।


                       डॉ. शशि तिवारी 

Tuesday, March 16, 2021



शहर बने

कंक्रीट के जंगल

डरे हैं सब।


                              डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, March 15, 2021


फर्ज का एहसास होना चाहिए

कर्म में विश्वास होना चाहिए।

आदमीयत ही ना मिट जाए कहीं

विश्व को आभास होना चाहिए।


                                 बालकृष्ण गर्ग 

Tuesday, March 9, 2021


दर्दे-दिल क्या सुनाये उनको, जो

बीमार बनके बैठे हैं सामने।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Monday, March 8, 2021


पिता समान

निकलते झरने

पत्थरों से ही।


                        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, March 6, 2021



धीरे-धीरे तुम्हारे हो रहे हैं हम।

लगता है खुद को खो रहे हैं हम।।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, March 5, 2021


संध्या दीप सा

जलना पल-पल

उजाले लिये।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, March 3, 2021

 


सिर्फ अपने गम को रोने से नहीं बनती है बात।

बात औरों की तेरी तहरीर में कोई तो हो।।


                                          डॉ. जानकी प्रसाद शर्मा

Monday, March 1, 2021


अपनी जड़ें

देश हो या विदेश

ना काटो तुम।


                             डॉ. मंजूश्री गर्ग