Monday, February 28, 2022




मंगल-बेला,

शिव-गौरा विवाह

शिव चौदस।


                             डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

Friday, February 25, 2022


 

 

प्रीत की डोर

बँधी बिन डोर के

उम्र-भर को।

 

                                      डॉ. मंजूश्री गर्ग

 


पात्र बदले

विश्व रंगमंच पे

नाटक वही।


                     डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, February 23, 2022






कॉफी बीन्स्

 

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

 

कॉफी के पेड़ पर चैरी की तरह के फल लगते हैं, उसका बीज कॉफी बीन्स् कहलाता है. अधिकतर कॉफी चैरी में दो बीज होते हैं, किन्तु कुछ कॉफी चैरी में एक बीज भी होता है. कॉफी का पेड़ लगभग दस से बीस फुट तक ऊँचा होता है. कॉफी के पेड़ पर तीन-चार साल में फल आने लगते हैं.

 

कॉफी दो प्रकार से तैय्यार की जाती है-

 

1.     कॉफी चैरी को पानी में भिगोकर उनका गूदा बीन्स् से अलग किया जाता है, फिर उन बीन्स् को धूप में सुखाकर, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.

 

2.     कॉफी चैरी को ऐसे ही धूप में सुखाकर फिर बीन्स् को गूदे से अलग करके, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.

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Sunday, February 20, 2022


अँधेरी रात

कठिन डगर है

सम्बल तेरा।


                       डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

Friday, February 18, 2022


जीवन उसका ही साथी है उसका ही मनमीत बना है

पीड़ाओं की धरती पे जो खुशियों की फसलें बोता है।

                         कविता किरण 



Thursday, February 17, 2022


फूल खिले हैं!

खुशबू सी बिखरी।

या तुम आये।


                      डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, February 14, 2022


हो आदि शक्ति तुम ही

 

निराकार हो या साकार तुम,

हो आदि शक्ति तुम ही।

नदियाँ इठलाती चलतीं,

फलती-फूलती प्रकृति तुम से ही।

गृह-नक्षत्र रहते घूमते,

चाँद चाँदनी बरसाता तुम से ही।

लीन प्रलय में होकर एक दिन,

नव जीवन सब पाते तुम से ही। 


                      डॉ. मंजूश्री गर्ग

Friday, February 11, 2022


बाल मुकुन्द जी(1865-1907) के शब्दों में संसार की भाषाओं में हिन्दी भाषा का स्थान-

 

अंग्रेज इस समय अंग्रेजी को संसार-व्यापी भाषा बना रहे हैं और सचमुच यह सारी पृथिवी की भाषा बनती जाती है. वह बने, उसकी बराबरी करने का हमारा मकदूर(सामर्थ्य़) नहीं है, पर तो भी यदि हिन्दी को भारतवासी सारे भारत की भाषा बना सके तो अंग्रेजी के बाद दूसरा दर्जा पृथिवी पर इसी भाषा का होगा।

 

Thursday, February 10, 2022



गुलाब 'गर दिया नहीं तो क्या?

बात दिल की कही नहीं तो क्या?

जब बिन कहे ही जान ली, मन ने मन की बात

चाहतें फिर उम्र-भर, होती नहीं हैं कम।

 

               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, February 8, 2022



बसंत ऋतु का वर्णन


बरन-बरन तरू फूले उपवन का,

सोई चतुरंग संग दल लहियतु।

बंदी जिमि बोलत विरद वीर कोकिल हैं,

गुंजत मधुप गान गुन गहियतु है।

आवे आस-पास पुहुपन की सुवास सोई,

सोने के सुगंध माझ सने रहियतु है।

सोभा को समाज सेनापति सुख साज आजु,

आवत बसंत रितुराज कहियतु है।

                                 सेनापति

 

 



शिशिर ऋतु का वर्णन


सिसिर में ससि को सरूप वाले सविताउ,

घाम हू में चांदनी की दुति दमकति है।

सेनापति होत सीतलता है सहज गुनी,

रजनी की झाँई वासर में झलकति है।

 

                           सेनापति 

Sunday, February 6, 2022


दीपित है चाँद सूरज की रोशनी से

मोहित हैं हम चाँद की चाँदनी पे।।

 

               डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Friday, February 4, 2022




शत्-शत् नमन माँ शारदे!

 

शत्-शत् नमन माँ शारदे!

भावाँजलियाँ अर्पित तुम्हें माँ शारदे!

शत्-शत् नमन माँ शारदे!

काव्याँजलियाँ अर्पित तुम्हें माँ शारदे!

वरद हस्त सर पर हमारे!

हमेशा आपका बना रहे माँ शारदे!

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5 फरवरी, 2022 बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें