मंगल-बेला,
शिव-गौरा विवाह
शिव चौदस।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
कॉफी बीन्स्
डॉ. मंजूश्री गर्ग
कॉफी के पेड़ पर चैरी की तरह के फल लगते हैं, उसका बीज कॉफी बीन्स् कहलाता है. अधिकतर कॉफी चैरी में दो बीज होते हैं, किन्तु कुछ कॉफी चैरी में एक बीज भी होता है. कॉफी का पेड़ लगभग दस से बीस फुट तक ऊँचा होता है. कॉफी के पेड़ पर तीन-चार साल में फल आने लगते हैं.
कॉफी दो प्रकार से तैय्यार की जाती है-
1. कॉफी चैरी को पानी में भिगोकर उनका गूदा बीन्स् से अलग किया जाता है, फिर उन बीन्स् को धूप में सुखाकर, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.
2. कॉफी चैरी को ऐसे ही धूप में सुखाकर फिर बीन्स् को गूदे से अलग करके, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.
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बाल मुकुन्द जी(1865-1907) के शब्दों में
संसार की भाषाओं में हिन्दी भाषा का स्थान-
अंग्रेज इस समय अंग्रेजी को संसार-व्यापी भाषा बना रहे हैं और सचमुच यह सारी पृथिवी की भाषा बनती जाती है. वह बने, उसकी बराबरी करने का हमारा मकदूर(सामर्थ्य़) नहीं है, पर तो भी यदि हिन्दी को भारतवासी सारे भारत की भाषा बना सके तो अंग्रेजी के बाद दूसरा दर्जा पृथिवी पर इसी भाषा का होगा।