Tuesday, October 31, 2023


बिन मेंहदी

रच गयी हथेली

तेरे प्यार में।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, October 30, 2023


बारिश नहीं!

भीगा आँगन सारा

ओस कणों से।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, October 29, 2023



खुशबू संग

झर-झर झरते

हारसिंगार।


              डॉ. मंजूश्री गर्ग 



Saturday, October 28, 2023


28 अक्टूबर, 2023 अश्विन मास शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें


 

कृष्ण-गोपियाँ

रचते महारस

शरद-पूनों।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग


Friday, October 27, 2023



महारास-शरद् पूर्णिमा

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

चन्द्रमा की सोलह कलायें होती हैं, एक कला बाल-चंद्र के रूप में हमेशा शिवजी की जटाओं में सुशोभित होती है। केवल शरद् पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा शिवजी से अपनी सोलहवीं कला को लेकर अवतरित होता है, इसलिये शरद् पूर्णिमा की चाँदनी सब पूर्णिमाओं से अधिक होती है। इसी दिन श्रीकृष्ण भगवान ने वृन्दावन में महारास रचाया था, जिसमें वृन्दावन की राधा और गोपियों ने ही नहीं वरन् स्वर्ग से देवी-देवताओं ने भी आकर गोपियों का रूप रखकर श्रीकृष्ण के साथ नृत्य किया था। प्रत्येक गोपी को ऐसा अहसास हुआ कि श्रीकृष्ण उसी के साथ नृत्य कर रहे हैं। वास्तव में श्रीकृष्ण इतनी तीव्रगति से नृत्य कर रहे थे कि नृत्य में मग्न प्रत्येक गोपी को यह अहसास हुआ कि श्रीकृष्ण उसी के साथ नृत्य कर रहे हैं

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Thursday, October 26, 2023


मन आनंद

बरसे रस रंग

अंग-अंग से।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, October 25, 2023


सारा जीवन 

समर्पित तुम्हें ही

मेरा क्या शेष।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, October 24, 2023

 

प्यार तुम्हारा

गरूर है हमारा

रहें कहीं भी।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, October 23, 2023




24 अक्टूबर, 2023, अश्विन मास, शुक्ल पक्ष दसवीं तिथि, मंगलवार

विजय पर्व दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें

 

  

Sunday, October 22, 2023


सिद्धिदात्री माँ

नवें दिन आकर

आशीष देतीं।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, October 21, 2023


विदूषक ही

पर्दे के पीछे रह 

हँसा जायेगा।


              डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, October 20, 2023



तांडव नृत्य

नटराज रूप में

शिव ने किया।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, October 19, 2023



श्री गौरी पुत्र

मयूर वाहन पे

कार्तिकेय जी।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, October 18, 2023


सजे कलश

छलके रंग द्वार

पावन पर्व।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, October 17, 2023


जब भी दर्पण देखा,

दीदार  हो  गया।

अपनी सूरत की जगह,

तेरी सूरत नजर आयी।।


                       डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, October 16, 2023


देवी रूप में

मंदिर में विराजे

दिव्य ज्योति।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, October 15, 2023



शारदीय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनायें

 


15 अक्टूबर 2023, अश्विन मास, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि

महाराजा अग्रसेन जी की जयंती पर

महाराजा अग्रसेन जी को शत्-शत् नमन

एवम् 

सभी अग्रवाल परिवार के सदस्यों को हार्दिक शुभकामनायें
 

Saturday, October 14, 2023


 

दिन दिन घटते दिन, लंबी होती रातें।

धीरे से दस्तक दी सर्दी ने आने की।।

                                            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, October 13, 2023


मुड़ जायेंगे

लचक है लता सी

चाहोगे जैसे।


              डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, October 12, 2023


छुईमुई सी

नजरों से छुओ तो

कुम्हलाती हो।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, October 11, 2023


ताप सह के

देते हैं हमें छाँव

वट, पीपल।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, October 10, 2023


खुशी के पल

धूप खिली आँगन

छँटा कोहरा।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, October 9, 2023


लिबासों की तरह बदलते हैं जो मित्र,

कैसे निभायेंगे वो रिश्ते पुराने।

                     डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, October 8, 2023


टूटे जो रिश्ते

मन मिले बिना तो 

जुड़ ना सकें।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, October 7, 2023


दो पल बस

सौ बरस नहीं जी

जिये हैं हम।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, October 6, 2023


नन्हीं सी आस

समेटे है भीतर

बड़ा सपना।


                डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, October 5, 2023


पंक में रह

कमल सा खिलना

जग का सार।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, October 4, 2023


प्रेम के पल

लालिमा कपोलों की

बनी प्रहरी।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, October 3, 2023


जुड़ी है आशा

चाह फिर मन में

लेती हिलोरें।


                   डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, October 2, 2023


तुम रूठे तो

सरगम की धुन

रूठी हमसे।


                      डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, October 1, 2023


वंशावली में

माता-पिता शामिल

सदा रहेंगे।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग