Tuesday, December 31, 2019
Friday, December 27, 2019
Sunday, December 22, 2019
Tuesday, December 17, 2019
Thursday, December 12, 2019
Wednesday, December 11, 2019
Tuesday, December 10, 2019
Monday, December 9, 2019
Saturday, December 7, 2019
Tuesday, December 3, 2019
Thursday, November 28, 2019
Wednesday, November 27, 2019
Monday, November 25, 2019
Tuesday, November 19, 2019
शुक्र ग्रहण या शुक्र ग्रह का
पारागमन
डॉ. मंजूश्री गर्ग
‘शुक्र ग्रहण’
सूर्य, शुक्र औ’ पृथ्वी
एक सीध में।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
6 जून सन् 2012 ई0, बुधवार की सुबह शुक्र ग्रहण पड़ा था अर्थात् सूर्य, शुक्र
और पृथ्वी तीनों एक सीध में आ गये थे. जिसके कारण सूर्य की रोशनी शुक्र ग्रह पर न
पड़ने के कारण वह सूर्य की सतह पर एक काले बिन्दु की तरह दिखाई दिया. शुक्र ग्रहण
के समय भी सूर्य की किरणें उसी प्रकार दूषित हो गयीं थी जैसे कि सूर्य ग्रहण के समय हो जाती हैं जब सूर्य और पृथ्वी
के बीच चन्द्रमा आ जाता है.
शुक्र ग्रहण 6 जून सन् 2012 ई0, बुधवार की सुबह लगभग 3 बजे से शुरू हुआ और
लगभग 10 बजे तक दिखाई दिया. इस समय शुक्र ग्रह सूरज के चारों ओर चक्कर काटते हुये
पृथ्वी के सामने से निकला. सबसे तेज चमकने वाला ग्रह एक काले धब्बे की तरह दिखाई
दिया. विश्व भर में वैज्ञानिकों ने इसे टेलीस्कोप के माध्यम से देखा. ‘नासा’ द्वारा प्रसारित तस्वीरों
में दिखाया गया कि ‘शुक्र ग्रहण’ के समय सूरज अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रंग का दिखाई दिया-कहीं हरे रंग का,
कहीं नारंगी रंग का, तो कहीं हल्का बैंगनी और कहीं सफेद.
शुक्र ग्रहण बहुत ही कम पड़ता है. टेलीस्कोप का आविष्कार होने के बाद अभी तक
केवल सात बार देखा गया है- सन् 1639 ई0, सन् 1761 ई0, सन् 1769 ई0, सन् 1874 ई0,
सन् 1882 ई0, सन् 2004 ई0, सन् 2012 ई0. अगली बार शुक्र ग्रहण सन् 2117 ई0 में
दिखाई देगा.
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Sunday, November 17, 2019
Saturday, November 16, 2019
'बुध ग्रहण'
सूर्य, बुध औ' पृथ्वी
एक सीध में।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
बुध ग्रहण को बुध ग्रह का पारागमन भी कहते हैं. यह खगोलीय घटना आकाश में बहुत ही कम दिखाई देती है. 14 नवंबर, 2019 को बुध ग्रह सूर्य के सामने से गुजरा था. बुध ग्रहण के समय भी किरणें वैसी ही प्रदूषित हो जाती हैं जेसै कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय.
Monday, November 11, 2019
राम जन्म भूमि-अयोध्या
डॉ. मंजूश्री गर्ग
सन् 1528 ई. में बाबर के शासन काल में राम जन्म भूमि स्थान पर बाबरी मस्जिद का
निर्माण हुआ था. दिसंबर सन् 1949 ई. में फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी
में बाबरी मस्जिद में स्थित गर्भ गृह का ताला तोड़ा गया था और वहाँ राम लला की
मूर्ति पायी गयी, लेकिन वहाँ फिर से ताला पड़ गया. सन् 1986 ई. में फैजाबाद के
वकील उमेश चंद पांडेय की अपील पर जिला जज कृष्ण मोहन पांडेय ने जन्म भूमि का ताला
खोलने का आदेश दिया.
6 दिसंबर, सन् 1992 ई. को हिन्दू कार सेवकों ने राम परकोटे पर स्थित बाबरी
मस्जिद के ढ़ाँचे को गिरा दिया.
30 सितंबर, सन् 1910 ई. को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने- जस्टिस एस. यू. खान, सुधीर
अग्रवाल और डी. पी. शर्मा ने अयोध्या में विवादित भूमि के मालिकाना हक पर फैसला
सुनाते हुये कहा- जहाँ राम लला विराजमान हैं वह स्थान हिन्दुओं का है, वहाँ से
मूर्तियाँ नहीं हटेंगी. रामलला की मूर्तियों वाला हिस्सा हिंदुओं को दिया जायेगा.
राम चबूतरा, भंडार गृह व सीता रसोई वाला हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दिया जायेगा और
अहाते का एक तिहाई हिस्सा मुसलमानों को दिया जायेगा.
9 नवंबर सन् 2019 ई. को सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों(चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन
गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर,
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़) की एक पीठ ने अयोध्या मंदिर विवाद का ऐतिहासिक
फैसला सुनाया- विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया. जहाँ राम लला
विराजमान हैं मंदिर वहीं बनेगा. कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम
मंदिर बनाने के लिये तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिये हैं. 2.77 एकड़
जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिये अलग से 5
एकड़ जमीन दी जायेगी. सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे जमीन पर से
रद्द कर दिये गये हैं.
(ए. एस. आई. ASI के अनुसार मंदिर के ढ़ाँचे के ऊपर ही मस्जिद बनायी गयी थी)
Friday, November 8, 2019
Tuesday, November 5, 2019
Monday, November 4, 2019
Saturday, November 2, 2019
Thursday, October 31, 2019
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