हिन्दी साहित्य
Saturday, November 2, 2019
माना कि शरद ऋतु है
.
पर कैसे कह दें शरद सुहानी
!
जहरीली हवायें हैं चारों ओर
हो प्रातः की किरण या रात चाँदनी
धुँध ही धुँध है चारों ओर
.
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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