Monday, July 31, 2023


 

सूरज निकलने तो दो,

फूल खिलने तो दो।

महकेंगी हवायें सारी,

बहकेंगी दिशायें सारी।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग         

  

Sunday, July 30, 2023


नया सबेरा

रोशन होंगी राहें

चहके मन।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, July 29, 2023


भर-गगरी

छलकाये बादल

भीगे आँगन।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, July 28, 2023


हर पड़ाव

देते हमें विश्राम

राह में बने।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, July 27, 2023


सच की दहलीज पर, झूठ दम तोड़ेगा,

दिशायें जगमगायेंगी, सच पुरजोर मुस्कुरायेगा।


                                       डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, July 26, 2023

 

जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश अपने परिवार, अपने समाज या अपने देश के साथ विश्वासघात करता है तो उसका अन्तर्मन उसे अन्दर ही अन्दर धिक्कारता रहता है। इसी संवेदना की अभिव्यक्ति कवि ने मानसिंह के माध्यम से की है जब मानसिंह राजपूतों की आन के विरूद्ध दुश्मन मुगल सम्राट अकबर से हाथ मिला लेता है-

 

अहो जाति को तिलांजलि दे

हुये भार हम भू के।

कहते ही यह ढ़ुलक गये

दो-चार बूँद आँसू के।


                 श्याम नारायण पाण्डे


Tuesday, July 25, 2023


उलझनें जीवन में किसकी कम हैं,

                            पर समझने और सुलझाने के तरीके अलग-अलग हैं। 


                                     डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, July 24, 2023


त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम,

ब्रह्मा, बिष्णु, महेश विराजें।

लिंग रूप में एक साथ

गोदावरी तट, नासिक में।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Sunday, July 23, 2023


ज्योतिर्लिंग 

नागेश्वर  धाम

गुजरात में।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, July 22, 2023




ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर

उज्जैन में शिव का धाम ।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग


Friday, July 21, 2023


ज्योतिर्लिंग

भीमाशंकर धाम

महाराष्ट्र में।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, July 20, 2023


ज्योतिर्लिंग 

बैद्यनाथ धाम

झारखण्ड में।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, July 19, 2023



महाराष्ट्र में

घृमेश्वर ज्योतिर्लिंग

शिव का धाम।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, July 18, 2023


ओंकारेश्वर

नर्मदा तट पर

ज्योतिर्लिंग।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, July 17, 2023


ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर,

प्रभासक्षेत्र गुजरात में।


                           डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, July 16, 2023

 


उत्तराखंड

केदारनाथ धाम

ज्योतिर्लिंग।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, July 15, 2023


 

श्रीराम ने बनाया शिवलिंग,

जयोतिर्लिंग रामेश्वरम् धाम।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग

Friday, July 14, 2023


श्रीसेलम में,

मल्लिकार्जुन धाम

ज्योतिर्लिंग।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, July 13, 2023



प्रिय पाठकों! आपको यह जानकर हर्ष होगा कि आपके पसंदीदा निबन्ध जैसे-सूरदास का वात्सल्य वर्णन, तुलसी काव्य में लोकमंगल की भावना, हिन्दी कहानी का विकास, उर्वशी का प्रेम दर्शन, अस्तित्ववाद, आदि पुस्तक सूरदास का वात्सल्य वर्णन में संग्रहीत हैं जो अब www.pothi.com के साथ-साथ अमेजॉन और फ्लिप कार्ट पर भी उपलब्ध हैं-


https://www.flipkart.com/surdas-ka-vataslaya-varnan-sahityik-

nibandh/p/itmc3fee26e1cbbe?pid=9789358913651


https://www.amazon.in/dp/9358913657?ref=myi_title_dp


 




प्रकृति के रंग, प्रेम के रंग, भक्ति के रंग मिलकर जीवन में भावों के अनगिन रंग बनाते हैं जैसे- पीला, लाल और नीला रंग मिलकर अनगिन रंग बनाते हैं। इन्हीं रंगों के संयोजन से इंद्रधनुष सजते हैं। प्रस्तुत हाइकु-संग्रह इन्द्रधनुष में विविध संवेदनाओं के इंद्रधनुषी रंग संजोने का प्रयास किया है। प्रस्तुत पुस्तक इन्द्रधनुष अब www.pothi.com के साथ-साथ अमेजॉन और फ्लिप कार्ट पर भी उपलब्ध है-

https://www.amazon.in/dp/9353616417?ref=myi_title_dp 


https://www.flipkart.com/indradhanush-haiku-sangrah/p/itm37a684ececc56?pid=9789353616410




विष पीकर जो मुस्काये,

वही तो शिव कहलाये।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, July 12, 2023


विश्वनाथधाम

वाराणसी तट पे 

शिव का वास।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, July 11, 2023


बौराये आज

भाँग, धतूरा,आक 

पाकर शिव।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, July 10, 2023


साक्षात शिव

बारह ज्योतिर्लिंग

सदा विराजें।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग



 

Sunday, July 9, 2023



प्रकृति के रंग, प्रेम के रंग, भक्ति के रंग मिलकर जीवन में भावों के अनगिन रंग बनाते हैं जैसे- पीला, लाल और नीला रंग मिलकर अनगिन रंग बनाते हैं। इन्हीं रंगों के संयोजन से इंद्रधनुष सजते हैं। प्रस्तुत हाइकु-संग्रह इन्द्रधनुष में विविध संवेदनाओं के इंद्रधनुषी रंग संजोने का प्रयास किया है। प्रस्तुत पुस्तक इन्द्रधनुष अब www.pothi.com के साथ-साथ अमेजॉन और फ्लिप कार्ट पर भी उपलब्ध है-

 https://www.amazon.in/dp/9353616417?ref=myi_title_dp


https://www.flipkart.com/indradhanush-haiku-sangrah/p/itm37a684ececc56?pid=9789353616410



शिव का रूप 

बाल चंद्र भाल पे

गले में नाग।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, July 8, 2023


प्रिय पाठकों! आपको यह जानकर हर्ष होगा कि आपके पसंदीदा निबन्ध जैसे-सूरदास का वात्सल्य वर्णन, तुलसी काव्य में लोकमंगल की भावना, हिन्दी कहानी का विकास, उर्वशी का प्रेम दर्शन, अस्तित्ववाद, आदि पुस्तक सूरदास का वात्सल्य वर्णन में संग्रहीत हैं जो अब www. pothi.com के साथ-साथ अमेजॉन और फ्लिप कार्ट पर भी उपलब्ध हैं-

 

https://www.amazon.in/dp/9358913657?ref=myi_title_dp


https://www.flipkart.com/surdas-ka-vataslaya-varnan-sahityik-nibandh/p/itmc3fee26e1cbbe?pid=9789358913651 

    और आप Email- manjugarg9@gmail.com द्वारा भी सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते हैं।


अमरनाथ

बर्फ रूप में लिंग

शिव का वास।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, July 7, 2023


कब जिया है,

जड़ से अलग हो,

कोई भी पौधा। 


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, July 6, 2023


गजल

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

उगते हुये सूरज को ये ढ़कता है कौन।

घनघोर अँधेरे को फिर तोड़ता है कौन।।

 

जलती हुई शमा दम तोड़ चुकी कब का।

परवानों का राग फिर सुनाता है कौन।।

 

पंछियों का राग आज बंद हुआ नीड़ों में।

रात के सपनों को फिर चुराता है कौन।।

 

पथिक आज खो गये घनघोर कोहरे में।

सड़कों को आज फिर जगाता है कौन।।

 

उन्नति के पथ बढ़ रहे हैं हर तरफ।

हार के भाव फिर बढ़ाता है कौन।।

 

बादल का शोर बंद है हर तरफ।

खिलती बगिया को फिर रूलाता है कौन।।

 

दम घुटता है इस जिंदगी में जियें किस तरह।

उम्र भर नींद में फिर सुलाता है कौन।।

 --------------

 

Wednesday, July 5, 2023


गजल

डॉ. मंजूश्री गर्ग

धड़कन की तरह महसूस करो तुम,मैं हूँ

 दिल की तरह तेरे तन में बसी हुई।

 

खुशबू की तरह महसूस करो तुम,मैं हूँ

 फूल की तरह तेरे मन में खिली हुई।

 

झंकार की तरह महसूस करो तुम,मैं हूँ

 घुंघरू की तरह तेरे पग में बँधी हुई।

 -------

 

Tuesday, July 4, 2023


 वृत्त बनाती

पानी में पानी से ही

पानी की बूदें।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, July 3, 2023


3 जुलाई, 2023 सोमवार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें

एवम्

गुरूओं के साथ-साथ सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को सादर नमन, जिन्होंने हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में

महत्वपूर्ण योगदान दिया। माँ, बहनों, भाइयों, मित्रों, परिजनों को सादर नमन।


गुरू गोविंद दोनों खड़े, काके लागौ पाय।

बलिहारी गुरू आपने, गोविंद दियो बताय।।


            कबीरदास

Sunday, July 2, 2023


मानिनी! रूठी रहो चाहे,

पर! रहो साथ ही।

रूठने का हक है तुम्हें,

तो मनाने का हमें भी।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, July 1, 2023


1जुलाई, 2023 महाकवि डॉ. कुँअर बेचैन जी की जन्म-जयंती पर शत्-शत् नमन-


चल हवा, उस ओर मेरे साथ चल

चल वहाँ तक जिस जगह मेरी प्रिया

गा रही होगी नई ताजा गजल

चल हवा, उस ओर मेरे साथ चल।


चल जहाँ मेरा अमर विश्वास है 

आत्माओं में मिलन की प्यास है।


                    डॉ. कुँअर बेचैन