हिन्दी साहित्य
Thursday, July 27, 2023
सच की दहलीज पर, झूठ दम तोड़ेगा,
दिशायें जगमगायेंगी, सच पुरजोर मुस्कुरायेगा।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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