Thursday, November 30, 2023


न जाने कौन?

चुपचाप आकर

ख्बाब सजाता।


                  डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, November 29, 2023

गीत

डॉ. मंजूश्री गर्ग


चाँदनी रात में फिर-फिर के आया करो,

सो भी जाऊँ मैं अगर, तुम जगाया करो,

गीत प्यार के गाया करो।


‘हर-सिंगार’ सी बिछकर जीवन में,

सूने मन को महकाया करो,

गीत प्यार के गाया करो।


‘निर्झर’ सी बहकर जीवन में

तन की तपन बुझाया करो,

गीत प्यार के गाया करो। 

Monday, November 27, 2023




देव दीवाली

बैकुंठ चतुर्दशी

मनाते आज।


                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, November 26, 2023


करे दीवाना

धीमे से मुस्कुराना

औ' शरमाना।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, November 25, 2023


जीवन नैया

डगमग सी डोले

सँभालो तुम।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, November 24, 2023


डोर बँधी है

मन से मन तक

दूर कब हो।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग  

Thursday, November 23, 2023


तुम मिलोगे

आस लिये मन में

जीते हैं हम।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, November 22, 2023


दर्द देता वो

सहलाता भी वही

फिर क्या गम!


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, November 21, 2023

 

    

आया बुरा समय

तो किनारा

सबने कर लिया।

आते ही सुहाना समय

दूर के रिश्तों ने भी

पहचान बना ली।

             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, November 20, 2023

 

खिलेंगे फूल

मौसम आने पर

धीरज धरो।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Sunday, November 19, 2023


सात सुरों में

निबद्ध है हमारा

संगीत प्यारा।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, November 17, 2023

 

    

नजरों को दो सजा,

ना देखो इधर तुम।

क्या खता है इन कँवलों की

आ के चूम लो इन्हें तुम।

             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, November 16, 2023


असीम प्रेम

बढ़े उम्र के साथ

पति-पत्नी में।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, November 15, 2023

भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप 2023 के सेमी फाइनल पर विजय प्राप्त करने पर

बहुत-बहुत बधाई

और

फाइनल में विजय के लिये बहुत-बहुत शुभकामनायें

हौंसलों से ही

छूते आकाश हम

परों से नहीं।


                        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, November 14, 2023


उजाला करे

चौखट का दीपक

घर-बाहर।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, November 13, 2023


जगमग सा

सारा जीवन सजे

दीवाली जैसा।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, November 12, 2023

 

एक दीप

डॉ. मंजूश्री गर्ग 

एक दीप

मन्दिर में

श्रद्धा का।

 

एक दीप

तुलसी पे

विश्वास का।

 

एक दीप

आँगन में

प्रेम का।

 

एक दीप

ज्ञान का

दिल में

जलाये रखना।

 

 

 

 


Saturday, November 11, 2023

 

12 नवंबर, 2023 दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें




11नवंबर,2023 छोटी दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें

फिर मनायी छोटी दीवाली

 डॉ. मंजूश्री गर्ग

हम लड़कियाँ भी कितनी बेबफा होती हैं

शादी होते ही भूल जाती हैं वो आँगन वो घर

जहाँ खेले अनेकों बसन्त, मनायी दिवालियाँ.

पिता से ज्यादा ससुर जी का ख्याल

माँ से ज्यादा सासु जी की आज्ञा का पालन

भाई से ज्यादा देवर और बहन से ज्यादा ननद.

पति के दोस्तों की पत्नियाँ ही बन जाती हैं सखियाँ

 

बरसों बाद भाभियाँ दिलाती हैं याद कि

दीदी हमारे यहाँ छोटी दिवाली को भी हठरी पूजन होता है.

तब याद आती है छोटी दिवाली की शाम.

शाम से ही घर में उत्सव का माहौल

दिवाली के दिन जैसी ही सज-धज.

खील-बताशे, मिठाईयाँ, पूरी पकवान

फुलझड़ी-पटाखे की रौनक.

बरसों बाद मायके में भाभी के साथ

फिर मनायी छोटी दिवाली.

 

  

Friday, November 10, 2023


लक्ष्मी रूप

दाहिनीवर्ती शंख

देता समृद्धि।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, November 9, 2023


ऐसा लगता

सृजन के क्षणों में

मिलें हों प्रभु।


          डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, November 8, 2023


सजी अयोध्या

असंख्य दीप जले

सरयू तीर।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Tuesday, November 7, 2023


अधर द्वार

दीप राम नाम का

रोशन मन।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, November 6, 2023


जीवन चक्की

सुख-दुख दो पाट

पिसता जीव।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, November 5, 2023


अंक वही हैं

छत्तीस-तिरेसठ

शत्रु या मित्र।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Saturday, November 4, 2023


चारों दिशायें

चहुँमुखी दीपक

रोशन करे।


                 डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, November 3, 2023


भावों की नावें

बहती आर-पार

सहज रिश्ते।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Thursday, November 2, 2023


घर कंदील

बच्चे बने हैं दीप

रोशन जग।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, November 1, 2023


करवा चौथ

चाँद के साथ देखा

अपना चाँद।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग