Wednesday, November 29, 2023

गीत

डॉ. मंजूश्री गर्ग


चाँदनी रात में फिर-फिर के आया करो,

सो भी जाऊँ मैं अगर, तुम जगाया करो,

गीत प्यार के गाया करो।


‘हर-सिंगार’ सी बिछकर जीवन में,

सूने मन को महकाया करो,

गीत प्यार के गाया करो।


‘निर्झर’ सी बहकर जीवन में

तन की तपन बुझाया करो,

गीत प्यार के गाया करो। 

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