11नवंबर,2023 छोटी दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें
फिर मनायी छोटी दीवाली
डॉ. मंजूश्री गर्ग
हम लड़कियाँ भी कितनी बेबफा
होती हैं
शादी होते ही भूल जाती हैं
वो आँगन वो घर
जहाँ खेले अनेकों बसन्त,
मनायी दिवालियाँ.
पिता से ज्यादा ससुर जी का
ख्याल
माँ से ज्यादा सासु जी की
आज्ञा का पालन
भाई से ज्यादा देवर और बहन
से ज्यादा ननद.
पति के दोस्तों की पत्नियाँ
ही बन जाती हैं सखियाँ
बरसों बाद भाभियाँ दिलाती
हैं याद कि
दीदी हमारे यहाँ छोटी
दिवाली को भी ‘हठरी पूजन’ होता है.
तब याद आती है छोटी दिवाली
की शाम.
शाम से ही घर में उत्सव का
माहौल
दिवाली के दिन जैसी ही
सज-धज.
खील-बताशे, मिठाईयाँ, पूरी
पकवान
फुलझड़ी-पटाखे की रौनक.
बरसों बाद मायके में भाभी
के साथ
फिर मनायी छोटी
दिवाली.
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