Friday, January 31, 2020



ऊँट जहाज
रेत का समंदर
चले शान से।
               डॉ. मंजूश्री गर्ग


Wednesday, January 29, 2020



30 जनवरी 2020, बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें


शत्-शत् नमन माँ शारदे!

शत्-शत् नमन माँ शारदे!
भावाँजलियाँ अर्पित तुम्हें माँ शारदे!
शत्-शत् नमन माँ शारदे!
काव्याँजलियाँ अर्पित तुम्हें माँ शारदे!
वरद हस्त सर पर हमारे!
हमेशा आपका बना रहे माँ शारदे!

                                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग


Tuesday, January 28, 2020



कब तक तने रहोगे यूँ ही पेड़ की तरह,
झुक कर गले मिलो कभी डाल की तरह।

                                                                 कविता किरण

Sunday, January 26, 2020



कल मेलों में
मौज-मस्ती बहार.
आज 'मॉल' में.

                                   डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, January 25, 2020





71वें गणतंत्र दिवस 

की

हार्दिक

शुभकामनायें

26 जनवरी, 2020


Friday, January 24, 2020



गुलाबी शोभा
कचनार का वृक्ष
लदा फूलों से।

                                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, January 22, 2020


दर्द से बुने
कालीन पर खिले
खुशी के फूल।

                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

Tuesday, January 21, 2020


अटल हैं जो
अडिग हैं इरादे
ध्रुव हैं वही।

                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, January 20, 2020


बिना सीचें तो
फलदायी पेड़ भी
फल ना देंगे।

                                       डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, January 18, 2020



कैसे मिलने आयें प्रिये!
खो गये भीड़ में कहीं हम।

                         डॉ. मंजूश्री गर्ग

Friday, January 17, 2020



नदी थी मीठी
सागर से मिलकर
खारापन अच्छा लगा।

बादल थे आकाश
धरा से मिलकर
बरसना अच्छा लगा।
                 डॉ. मंजूश्री गर्ग


Thursday, January 16, 2020


तुम साथ दो
नीरव जीवन में 
आये बहार।

                                   डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, January 15, 2020



पृथ्वी घूमती सूरज के चारों ओर
चाँद घूमता पृथ्वी के चारों ओर।
होते इसी से दिन-रात जग में
अँधेरी-उजाली रातें होती जग में।

                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

Tuesday, January 14, 2020


चार दीवारें
घर नहीं; बनाती
सिर्फ मकान।

                                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, January 13, 2020



जो पल जिया
खुशी से, अपना है.
बाकी बेगाने.

                                           डॉ. मंजूश्री गर्ग

Friday, January 10, 2020




किशन सरोज जी को भावभीनी श्रृद्धांजलि-हिन्दी गीतकार

जन्म-तिथि- 30 जनवरी, 1939 ई.
पुण्य-तिथि- 8 जनवरी, 2020 ई.

भुज पाशों में भी सिहर उठे जब रोम-रोम,
प्रियतम कहने में भी जब अधर थरथराये
क्या होगा अन्त प्रीती का ऐसी तुम्हीं कहो,
जब मिलने की बेला में भी दृग भर आये।

                       किशन सरोज


10 जनवरी, 2020 पर विश्व के हिन्दी भाषी प्रेमियों को हार्दिक शुभकामनायें

साहित्य वही
सर्वजन हित में
सर्वदा रहे।

                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, January 9, 2020



युग बदलें 
सिलसिले प्यार के
चलते रहें।

                              डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, January 8, 2020



शिशिर ऋतु
कंपकंपाती सर्दी
मन डरा सा।

                          डॉ. मंजूश्री गर्ग

Tuesday, January 7, 2020



क्रोध को शान्त करने के लिये, चाँद की सी तासीर चाहिये
जो सूरज की किरणों को भी, शीतल चाँदनी में बदल देता है।

                                          डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, January 6, 2020



चाँदनी रात!
या तुम साथ मेरे
उजाले लिये।

                                    डॉ. मंजूश्री गर्ग

Sunday, January 5, 2020


मित्र वो सच्चा
आईना बनकर
साथ निभाता।

                                    डॉ. मंजूश्री गर्ग


Friday, January 3, 2020


सुनहरी यादें बीते कल की
सुनहले सपने फिर कल के।
तैरते आँखों में पल-प्रतिपल।
मानों सुबह-शाम के बीच
बैठें हों हम भरी धूप में।

                 डॉ. मंजूश्री गर्ग


Wednesday, January 1, 2020


सुबह का करें स्वागत
सूरज की किरणों से।
करें श्रृंगार कुसुमों से
वंदन कलरव से।

                         डॉ, मंजूश्री गर्ग