Friday, January 17, 2020



नदी थी मीठी
सागर से मिलकर
खारापन अच्छा लगा।

बादल थे आकाश
धरा से मिलकर
बरसना अच्छा लगा।
                 डॉ. मंजूश्री गर्ग


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