Tuesday, June 30, 2020



ये सफर कितना कठिन है रास्तों को क्या पता।
कैसे-कैसे हम बचें हैं हादसों को क्या पता।।

आँधियाँ चलती हैं तो फिर सोचतीं कुछ भी नहीं।
टूटते हैं पेड़ कितने आँधियों को क्या पता।।

                                                       नित्यानंद तुषार


हिम श्रेणी अंगूर लता सी
फैली, हिम जल है हाला।
चंचल नदियाँ साकी बनकर
भरकर लहरों का प्याला।
कोमल कूल करों में अपने
छलकाती निशिदिन चलतीं।
पीकर खेत खड़े लहराते
भारत पावन मधुशाला।
                 डॉ0 हरिवंशराय बच्चन



Sunday, June 28, 2020



हँसी छुपा भी गया और नजर मिला भी गया।
ये एक झलक का तमाशा जिगर जला भी गया।।

                                                     मुनीर नियाजी

Tuesday, June 23, 2020


ठहरी बूँद
सीपी सम पाती में
मोती सी सजी।

                             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, June 20, 2020



गहन तम है डगर मेरी मगर फिर भी चमकती है।
कहीं तुम द्वार पर दीपक जलाये तो नहीं बैठी।।

                                                       बाल स्वरूप राही


Friday, June 19, 2020



उस की याद आई है साँसों जरा आहिस्ता चलो।
धड़कनों  से भी इबादत में खलल पड़ता है।।

                                                             राहत इंदौरी

Wednesday, June 17, 2020


खुद में बंद
'आइसोलेटिड' से
जग से दूर।

                             डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, June 15, 2020



जीवन नैया,
संयम पतवार,
तिरने लगी।

                                   डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, June 13, 2020

स्वाती नक्षत्र
सीपी-मुख में बूँदें
बनी हैं मोती।

                            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Thursday, June 11, 2020




जहाँ तुम्हारी चरण-रज पड़े वहीं है मेरा वृन्दावन-धाम कान्हा।
जहाँ बजे मधुर बाँसुरी की धुन वहीं कदंब की छाया कान्हा।।

                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग

Monday, June 8, 2020




छत्र सा सजे
शेषनाग का फन
बिष्णु जी पे।

                       डॉ. मंजूश्री गर्ग

Saturday, June 6, 2020



क्यों घुटन, नैराश्य, कुंठा, त्रास की बातें करें
एक तिनका ही सही, विश्वास की बातें करें।
खौफ के बादल हटें हर स्वप्नदर्शी आँख से
इन्द्रधनुषी रंग की, मधुमास की बातें करें।
दर्द तो है दर्द इसकी जात क्या पहचान क्या
हर किसी के दर्द के एहसास की बातें करें।
                                -राजेन्द्र तिवारी





Wednesday, June 3, 2020




अधर धरत हरि परत, ओठ दीठि पट जोति।
हरित बाँस की बाँसुरी, इन्द्रधनुष रंग होति।।

                                 बिहारी

Monday, June 1, 2020



दिन का राजा
रात में रात-रानी
महकी, खिली।

                           डॉ. मंजूश्री गर्ग