हिन्दी साहित्य
Saturday, December 7, 2019
मान दिया, सम्मान दिया,
सर आँखों पे बैठाया तुम्हें।
मेहमान बन के आये थे,
ठग कर चले गये हमें।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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