हिन्दी साहित्य
Tuesday, December 10, 2019
जाने किसकी साजिश थी ये
मुझको मुझसे ही न मिलाया।
इक दिन मेरी खामोशी ने
मेरे भीतर शोर मचाया।
विज्ञान व्रत
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