हिन्दी साहित्य
Sunday, December 22, 2019
हर गोल चीज चाँद नहीं होती।
हर पीली चीज सोना नहीं होती।
हर पत्थर नगीना नहीं होता।
परख ही लेती पारखी नजरें,
जिसको जिसकी चाहत होती है।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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