Sunday, December 8, 2019














सुबह हुई तो,
रात के
मधुर सपने
चुरा ले गयी।
कुछ लालिमा
आकाश तले,
कुछ मधुरता
फूलों पे
बिखरा गयी।

          डॉ. मंजूश्री गर्ग

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