स्वार्थी राजनेता अपने को जनता का सेवक कहते हैं और चुनावों के समय जनता से झूठे वायदे करते हैं-
ये गरजते रहेंगे यूँ ही
कहने को घन घनेरे हैं।
डॉ. शशि तिवारी
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