मैं चातक हूँ, तू बादल है,
मैं लोचन हूँ, तू काजल है,
मैं प्यासा हूँ, तू गंगाजल है,
तू चाहे गंगाजल कह ले,
या अल्हड़ मस्ताना कह ले,
जिसने मेरा परिचय पूछा, मैं तेरा नाम बता बैठा।
उदयभानु हंस
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