गजल
डॉ. मंजूश्री गर्ग
पल-पल बदलते मौसम का हाल क्या कहिये।
रंग बदलती दुनिया का हाल क्या कहिये।।
फटी जीन्स फैशन
है आजकल का ।
अमीरी-गरीबी का हाल क्या कहिये ।।
कंक्रीटी-जंगलों में रहे
हैं बदल।
शहरों का अब और हाल क्या कहिये ।।
बिन बोले ही बहुत बोले हैं नयन।
दिल का अब और हाल क्या कहिये ।।
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