वो शाम को घर लौट के आएंगे तो फिर
चाहेंगे कि सब भूल कर उनमें खो जाऊँ
जब इन्हें जागना है मैं भी जागूं
जब नींद इन्हें आये तो मैं भी सो जाऊँ।
जां निसार अख्तर
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