Friday, November 27, 2020


वो शाम को घर लौट के आएंगे तो फिर

चाहेंगे कि सब भूल कर उनमें खो जाऊँ

जब इन्हें जागना है   मैं भी जागूं

जब नींद इन्हें आये तो मैं भी सो जाऊँ।


                                                      जां निसार अख्तर


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