Sunday, August 23, 2020

 

हिन्दी भाषा में की मात्रा

डॉ. मंजूश्री गर्ग

हिन्दी भाषा में की मात्रा दो प्रकार से लगती है जब वर्ण के ऊपर लगती है तो उसे रेफ र्ककहते हैं और जब वर्ण के नीचे लगती है तो पदेन प्र, ट्रकहते हैं.

 

हिन्दी वर्णमाला के व्यंजनों में कोई ना कोई स्वर मिलाकर लिखा जाता है तभी वह पूर्ण अक्षर माना जाता है जैसे-

क्+अ=

क्+आ= का

अन्यथा वह वर्ण आधा अक्षर माना जाता है. तब या तो उस वर्ण के नीचे हम हलन्त लगा देते हैं जैसे- क्, ख्, आदि या शब्द में आगे वाले अक्षर के साथ मिलाकर लिख देते हैं. जैसे- बच्चा, कच्चा, आदि.

जब आधा वर्ण होता है तो आगे वाले अक्षर के ऊपर रेफ र्क की मात्रा के रूप में लिखा जाता है जैसे- सर्प, कर्म, पर्ण, पर्व, आदि; लेकिन जब से पहले कोई आधा वर्ण होता है तो पहले वाले अक्षर को पूरा लिखकर उसके नीचे पदेन क्र, ट्र के रूप में लिख दिया जाता है  जैसे- ट्रेन, प्रेम, ड्रामा, ट्री, आदि.

की मात्रा को अंग्रेजी शब्दों के माध्यम से भी समझा जा सकता है-

जब किसी शब्द में ‘R’ letter के साथ कोई   vowel(A, E, I, O, U) नहीं आता है तो की मात्रा ऊपर लगती है जैसे-

पर्णिका PARNIKA

और जब किसी शब्द में “R’ letter से पहले वाले  letter में कोई  vowel(A,E,I,O,U) नहीं आता है तो की मात्रा नीचे लगती है जैसे-

PRERANA प्रेरणा

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