हिन्दी साहित्य
Monday, March 23, 2020
विश्व-बन्धुत्व की कामना मन में लेकर,
जी रहे हैं आज अकेले-अकेले।
हराकर
‘
कोरोना वायरस
’
सब मिल,
मनायेंगे उत्सव सभी जन मिलकर।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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