मेरे मिलन में तुम हो प्रिये! मेरे विरह में भी तुम।
मेरी जीत में तुम हो प्रिये! मेरी हार में भी तुम।
मेरी मुस्कान में तुम हो प्रिये! मेरे अश्रु में भी तुम।
मेरी साँसों की लय में तुम ही तुम हो प्रिये!
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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