Thursday, April 14, 2022


मंजिल पानी है गर

अवरोधों से डरना कैसा!

कौन है? जिसने ताप सहा नहीं

सूरज जैसा चमका जो भी।।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

No comments:

Post a Comment