जिस पल तुझे भूल जाने को मन कहता है।
उस पल मन और अधिक उदास लगता है।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
‘मैं’, ‘मेरा’, ‘हमारा’…
डॉ. मंजूश्री गर्ग
‘मैं’, ‘मेरा’, ‘हमारा’, ये शब्द नहीं
हैं,
इनमें समाया है, हमारा पूरा
जीवन।
हमारा व्यक्तित्व, हमारा
कृतित्व
हमारे रिश्ते, हमारा प्यार,
हमारा प्यार जो
दिन-प्रतिदिन गहरा होता जाता है
और हमारे पूरे जीवन को अपनी
लातिमा से भर देता है,
अपनी प्यारी सी खुशबू से महका
देता है जीवन।