हिन्दी साहित्य
Tuesday, May 19, 2020
बोल्यो नेह पपीहरा, जीवन तरू पर बैठि।
पिऊ? पिऊ? की ध्वनि गई, अन्तरिक्ष में पैठि।।
बाल कृष्ण शर्मा 'नवीन'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment