Tuesday, December 15, 2020


मधुर स्पर्श तुम्हारा जीने की नई चाह जगाता।

मानों हरित हुआ हो पौधा, पाकर बारिश की बूँदें।।

 

                      डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

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