Wednesday, November 24, 2021



कृष्ण द्वारका बसें, 

मन राधा के संग।

राम अवध में बसें,

 मन सीता के संग।

तन कहीं, मन कहीं और है

कैसे जीवन समरस हो।।


                             डॉ. मंजूश्री गर्ग

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