Saturday, November 27, 2021



    रात गुम है,

  गम के अँधेरे में।

  उसे मालूम ही नहीं,

  कितने सितारे जड़े हैं,

  उसके आँचल में।

 

        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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