Monday, June 30, 2025


वैनिला(VANILLA)

 

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डॉ. मंजूश्री गर्ग


वैनिला की फसल सर्वप्रथम मैक्सिको के गुल्फकोस्ट घाटी में पाई गयी. आजकल मेडागास्कर में सबसे अधिक उत्पादन होता है. विश्व का लगभग अस्सी प्रतिशत वैनिला का उत्पादन मेडागास्कर में ही होता है.

 

वैनिला बेल जैसे उगती है और किसी पेड़ या खम्भे के सहारे चढ़ती है. वैनिला के फूल हल्के पीले रंग के होते हैं. एक फूल से एक ही फल बनता है. फूल में नर(Anther) और मादा(Stigma) दोनों अंग होते हैं जो एक हल्की सी झिल्ली से जुड़े रहते हैं. पहले एक विशेष मधुमक्खी के द्वारा Pollination की क्रिया होती थी जो मैक्सिको में ही पाई जाती हैं किन्तु अभी कृत्रिम तरीके से हाथ द्वारा Pollination करके फसल उगायी जाती है. वैनिला की फली गहरे भूरे रंग की होती है. जब यह फली पक जाती है, तो फटने से पहले ही इन्हें तोड़ लिया जाता है. इन फली(beans) के अन्दर गहरा लाल रंग का तरल पदार्थ होता है, यही(vanilla essence) होता है, जो कि बहुत मँहगा होता है. मसालों में केसर के बाद vanilla essence का नंबर आता है, किंतु आजकल synthetic vanilla essence भी बाजार में उपलब्ध है.

 

 

 

  

 

Sunday, June 29, 2025

 

कॉफी बीन्स्

 


डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

 

कॉफी के पेड़ पर चैरी की तरह के फल लगते हैं, उसका बीज कॉफी बीन्स् कहलाता है. अधिकतर कॉफी चैरी में दो बीज होते हैं, किन्तु कुछ कॉफी चैरी में एक बीज भी होता है. कॉफी का पेड़ लगभग दस से बीस फुट तक ऊँचा होता है. कॉफी के पेड़ पर तीन-चार साल में फल आने लगते हैं.

 

कॉफी दो प्रकार से तैय्यार की जाती है-

 

1.     कॉफी चैरी को पानी में भिगोकर उनका गूदा बीन्स् से अलग किया जाता है, फिर उन बीन्स् को धूप में सुखाकर, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.

 

2.     कॉफी चैरी को ऐसे ही धूप में सुखाकर फिर बीन्स् को गूदे से अलग करके, भूनकर, पीसकर कॉफी पाउडर तैय्यार किया जाता है.


Saturday, June 28, 2025


 कोको पाउडर(चॉकलेट पाउडर)


डॉ. मंजूश्री गर्ग 



कोको पाउडर हमें कोको बीन्स् से मिलता है. कोको बीन्स् का पेड़ सबसे पहले अमेरिका में पाया गया. आजकल अफ्रीका में सबसे ज्यादा कोको बीन्स् की खेती होती है. कोको बीन्स् के फल कटहल(jackfruit) के फल की तरह सीधे मुख्य तने या बड़ी शाखाओं में लगते हैं. फल भी आकार में काफी बड़े होते हैं. फल के अन्दर बीस से तीस बड़े आकार के कत्थई या जामुनी रंग के बीज होते हैं यही कोको बीन्स् कहलाते हैं. कोको बीन्स् के फल का बाहरी छिलका उतारकर गूदे सहित कोको बीन्स् को खमीर उठाने के लिये रख दिया जाता है. बाद में कोको बीन्स् को गूदे से अलग कर दिया जाता है. कोको बीन्स् को सुखाने के बाद पीस लिया जाता है. यही कोको पाउडर(चॉकलेट पाउडर) कहलाता है.


Friday, June 27, 2025

 

 

 

अमलतास

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

पीताभ गुच्छ

झमरों से झूमते

अमलतास।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

गर्मियों के दिनों में सड़क किनारे या पार्कों में लगे गुच्छों के रूप में खिले पीले फूलों से लदे अमलतास के पेड़ बरबस ही मन मोह लेते हैं. इसके सौंदर्य को देखते हुये  इसे विभिन्न नामों से अलंकृत किया गया है. आयुर्वेद में इसे स्वर्ण वृक्षकहते हैं. वाल्मीकि जी ने इसे कंचन वृक्ष नाम दिया. अंग्रेजी में इसे गोल्डन शॉवर या गोल्डन ट्री कहा जाता है. अमलतास थाइलैंड का राष्ट्रीय पुष्प है और थाइलैंड की भाषा में इसे डोक ख्यून नाम से जाना जाता है.

 

अमलतास मूल रूप से दक्षिणी एशिया, दक्षिणी पाकिस्तान और भारत का वृक्ष है पर अमेरिका, म्यांमार, श्रीलंका, बर्मा, वेस्टइंडीज में भी बहुतायत से पाया जाता है. यह सूर्य प्रिय वृक्ष है जो लवण और अकाल की स्थिति को भी सह सकता है. बीज का अंकुरित होना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन बीज एक बार जड़ पकड़ लें तो अमलतास के पेड़ आसानी से बड़े हो जाते हैं. अमलतास को रूखा मौसम ज्यादा पसंद है परंतु जरा सी भी सर्दी बर्दाश्त नहीं कर पाता.

 

 

अमलतास मध्यम आकार का वृक्ष है जिसकी लम्बाई 10 मी. से 20 मी. तक होती है. अमलतास के पत्ते एक से ड़ेढ़ फुट लंबे, बड़े व संयुक्त होते हैं, चार से

आठ पत्ते मिलकर जोड़े बनाते हैं. फूलों के आगमन से पहले मार्च, अप्रैल के महीने में पत्तियाँ झड़ने लगती हैं. अमलतास का फूल अप्रैल, मई, जून महीनों (भीषण गर्मी के समय) खिलता है. अमलतास का फूल पीले रंग का होता है, प्रत्येक फूल में पाँच पँखुरियाँ होती हैं जो 4 से. मी. से 7 से. मी. के व्यास में सुव्यवस्थित होती हैं. अनेकों फूल मिलकर एक गुच्छे का रूप देते हैं. बारिश के मौसम में अमलतास पर फल आते हैं. इसके फल को लेग्यूम कहते हैं जो लगभग 30 से. मी. से 60 से. मी. लंबे फली के आकार के होते हैं. लेग्यूम की गंध बड़ी तीखी होती है. एक फली में 25 से 100 तक भूरे रंग के बीज होते हैं. इसके बीज बहुत स्वादिष्ट होते हैं इसलिये इनमें कीड़ा लगने का डर भी रहता है. फली के अन्दर का गूदा काले रंग का होता है तथा बहुत ही मीठा होता है. यह गूदा पेट साफ करने के लिये दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

 

अमलतास की लकड़ी भूरा रंग लिये होती है तथा मजबूत, भारी व स्थायी होने के कारण फर्नीचर बनाने के काम भी आती है. इस प्रकार अमलतास का पेड़ न केवल सौंदर्य की दृष्टि से, वरन् उपयोग की दृष्टि से भी लाभकारी है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Thursday, June 26, 2025

 

भारत रत्न


डॉ. मंजूश्री गर्ग

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्यता देने के लिये दिया जाता है। यह सम्मान रातनीति, कला, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है। भारत रत्न का प्रारम्भ 2 जनवरी, 1954 को तत्कीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। सबसे पहले भारत रत्न से 1954 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, प्रथम उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन को सम्मानित किया गया। 1954 में भारत रत्न केवल जीवित रहते दिया जाता था लेकिन 1955 से मरणोपरांत भी दिया जाने लगा। एक साल में अधिक से अधिक तीन व्यक्तियों को भारत रत्न दिया जा सकता है, साथ ही यह भी आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक वर्ष भारत रत्न दिया ही जाये।

 

भारत रत्न पाने वालों को भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र व एक मेडल दिया जाता है। इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है। मेडल में ताँबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना होता है, पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का बना होता है इसके नीचे चाँदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। मेडल के पृष्ठ भाग पर अशोक स्तम्भ बना होता है और नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है।

विशेष- 1. भारत रत्न गैर भारतीयों को भी दिया जा सकता है, जैसे-मदर टेरेसा, नेल्सन मंडेला, अब्दुल गफ्फार खान।

2. सन् 2013 में भारत रत्न मे संशोधन किया गया और खेल के क्षेत्र में भी यह पुरस्कार दिया जाने लगा और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

भारत रत्न से सम्मानित महान विभूतियाँ-

1.      सर्वपल्ली राधाकृष्नन्(1954)             शिक्षक व राजनेता

2.      चक्रवर्ती राजगोपालाचारी(1954)           राजनेता व दार्शनिक

3.      चन्द्रशेखर वेंकटरमन(1954)              वैज्ञानिक

4.      भगवानदास(1955)               शिक्षाशास्त्री व दार्शनिक

5.      मोक्षगुंडम विश्वेश्वेरेय्या(1955)     इंजीनियर

6.      जवाहरलाल नेहरू(1955)           प्रथम प्रधानमंत्री, राजनेता

7.      गोविन्द वल्लब पंत(1957)        प्रथम गृहमंत्री(उ. प्र.), राजनेता

8.      धोंडो केशव कर्वे(1958)     समाज सुधारक, विधवा विवाह के समर्थक

9.      विधान चंद्र राय(1961)      चिकित्सक व स्वतंत्रता सेनानी

10.  पुरूषोत्तमदास टंडन(1961)   राजनेता व हिंदी को राष्ट्रभाषा बनवाने में विशेष योगदान

11.  राजेन्द्र प्रसाद(1962)       राजनेता व प्रथम राष्ट्रपति

12.  जाकिर हुसैन(1963)        शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान व राष्ट्रपति

13.  पांडुरंग वामन काणे(1963)   संस्कृत के विद्वान

14.  लाल बहादुर शास्त्री(1966)   राजनेता व प्रधानमंत्री

15.  इंदिरा गाँधी(1971)         राजनेता व प्रथम महिला प्रधानमंत्री

16.  वी. वी. गिरि(1975)        राजनेता व राष्ट्रपति

17.  के. कामराज(1976)        राजनेता

18.  मदर टेरेसा(1980)         समाज सेविका

19.  विनोवा भावे(1983)        सामाजिक कार्यकर्ता(भूदान आन्दोलन)

20.  खान अब्दुल गफ्फार खान(1987) स्वतंत्रता सेनानी व अहिंसा के पुजारी

21.  मारूदुर गोपालन रामचन्द्रन(1988)  अभिनेता व राजनेता

22.  भीमराव अंबेडकर(1990)    राजनेता व संविधान निर्माण में विशेष योगदान

23.  नेल्सन मंडेला(1990) दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति(रंगभेद के विरूद्ध आन्दोलन)

24.  राजीव गाँधी(1991)         राजनेता व प्रधानमंत्री

25.  वल्लभभाई पटेल(1991)  देसी रियासतों को भारत में मिलाने में महत्वपूर्ण योगदान

26.  मोरारजी देसाई(1991)      राजनेता व प्रधानमंत्री

27.  मौलाना अब्दुल कलाम आजाद(1992)      राजनेता व प्रथम शिक्षामंत्री

28.  जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा(1992)      उद्योगपति        

29.  सत्यजित राय(1992)             फिल्म निर्माता व निर्देशक

30.  ए. पी. जे. अब्दुल कलाम(1997)    वैज्ञानिक, इंजीनियर व राष्ट्रपति

31.  गुलजारीलाल नंदा(1997)    राजनीतिज्ञ व दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री

32.  अरूणा आसफ अली(1997)  स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता

33.  एम. एस. सुब्बलक्ष्मी(1998) भारतीय कर्नाटक गायिका

34.  चिदम्बर सुब्रह्मण्यम्(1998) राजनेता

35.  जयप्रकाश नारायण(1998)   राजनेता व आपातकाल के समय सम्पूर्ण क्रांति के जनक

36.  रविशंकर(1999)           सितारवादक व संगीतज्ञ

37.  अमर्त्यसेन(1999)          अर्थशास्त्री

38.  गोपीनाथ बोरदोलोई(1999)   स्वतंत्रता सेनानी व असम के प्रथम मुख्यमंत्री

39.  लता मंगेशकर(2001)       महान गायिका

40.  उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ(2001) प्रख्यात शहनाई वादक

41.  भीमसेन जोशी(2008)       शास्त्रीय संगीतज्ञ

42.  सचिन तेंदुलकर(2013)      प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी

43.  सी. एन. आर. राव(2013)   वैज्ञानिक(रसायन)

44.  अटल बिहारी वाजपेयी(2014)      प्रधानमंत्री, पत्रकार व कवि

45.  मदन मोहन मालवीय(2014)       काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के प्रणेता

46.  नानाजी देशमुख(2019)           समाजसेवी व भारतीय जनसंघ के नेता

47.  भूपेन हजारिका(2019)            असम के एक गीतकार, संगीतज्ञ व गायक

48.  प्रणव मुखर्जी(2019)              राष्ट्रपति

49.  एम. एस,स्वामीनाथन(2023)       वैज्ञानिक-हरित क्रांति के जनक

50.  लाल कृष्ण आडवाणी(2023)       भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता

51.  चौधरी चरण सिंह(2024)          राजनेता व प्रधानमंत्री

52.  पी. वी. नरसिम्हाराव(2024)       राजनेता व प्रधानमंत्री

53.  कर्पूरी ठाकुर(2024)              स्वतंत्रता सेनानी व जन नायक