Friday, June 20, 2025

 

 

मधुर स्पर्श तुम्हारा जीने की नई चाह जगाता।

मानों हरित हुआ हो पौधा, पाकर बारिश की बूँदें।।

            डॉ. मंजूश्री गर्ग


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