Tuesday, July 8, 2025


चाँदनी रात है औ

नदी का जल शांत है,

उदास है धरा आज।

बादलों की ओट में,

चाँद के आगोश में,

सो रही है चाँदनी।


             डॉ. मंजूश्री गर्ग 

No comments:

Post a Comment