हिन्दी साहित्य
Tuesday, April 14, 2020
समय की छलनी में छनेंगे,
बचेंगे कुछ गीत, गजल।
चमकेंगे साहित्याकाश में,
ध्रुव तारे से अटल।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
1 comment:
मंजूश्री गर्ग
April 18, 2020 at 11:39 AM
बहुत-बहुत धन्यवाद!
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बहुत-बहुत धन्यवाद!
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