Tuesday, April 14, 2020



समय की छलनी में छनेंगे,
बचेंगे कुछ गीत, गजल।
चमकेंगे साहित्याकाश में,
ध्रुव तारे से अटल।

          डॉ. मंजूश्री गर्ग

1 comment: