Tuesday, June 8, 2021


 गीत

 

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

चाँदनी रात में फिर-फिर के आया करो,

सो भी जाऊँ मैं अगर तुम जगाया करो,

      गीत प्यार के गाया करो।

 

हर-सिंगार सी बिछकर जीवन में,

सूने मन को महकाया करो,

      गीत प्यार के गाया करो।

 

निर्झर सी बहकर जीवन में

तन की  तपन बुझाया करो,

     गीत प्यार के गाया करो।

 

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