उत्सव वाले दिन कहाँ?
दो-चार फूलों के खिलने से
उपवन नहीं सजा करते।
दो-चार दीपक के जलने से
दीपावली नहीं सजतीं।
दो-चार बूँदों के गिरने से
बरसात नहीं होती।
दो-चार जन के सजने से
उत्सव नहीं मना करते।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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