Wednesday, September 29, 2021


वह नहीं नूतन कि जो प्राचीनता की जड़ हिला दे।

भूल के इतिहास का आभास ही मन से मिटा दे।

जो पुरातन को नया कर दे मैं उसे नूतन कहूँगा।


      बलवीर सिंह रंग 

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