Sunday, June 2, 2024


 जमीं पर नहीं पड़ते हैं कदम हमारे,

अरमानों को पंख लगे हैं आज।

आकाश को छू लेंगे एक दिन हम,

चाहतों में नया रंग भरा है आज।।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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