हर रिश्ते को थोड़ी परवरिश चाहिये,
थोड़ी धूप, थोड़ी छाँव चाहिये।
स्नेह का जल, प्यार के छींटे चाहिये,
अपनेपन की थोड़ी हवा चाहिये।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
मिट्टी एक..........
मिट्टी एक, रूप अनेक
कभी बन घट, बुझाती प्यास
और कभी मानव बन
स्वयं बनती प्यास।
कभी बन मूर्ति देती वर
स्वयं बनती याचक।
कभी फूल बन महक जाते हो जीवन में,
कभी बन बारिश सरस जाते हो तुम।
कभी बन धूप खिल जाते हो जीवन में,
कभी यूँ ही ख्वाबों में मुस्का जाते हो तुम।
प्रिया के पाँव
रूनझुन पायल
मोहती मन।
कैसा मौसम!
बारिशों के बाद भी
छाया है धुंध।
शामिल हम
तुम्हारी चाहतों में
क्या कम है ये!
माघ महीना
बरसे बादल या
बरसे सोना!
हाँ! माघ के महीने(जनवरी और फरवरी) यदि बारिश होती है तो गेहूँ की फसल बहुत अच्छी होती है, गेहूँ की बालियों में दाना बड़ा हो जाता है. इसीलिये कहते हैं कि माघ महीने में बारिश होने से गेहूँ के खेतों में सोना बरसता है।