कभी फूल बन महक जाते हो जीवन में,
कभी बन बारिश सरस जाते हो तुम।
कभी बन धूप खिल जाते हो जीवन में,
कभी यूँ ही ख्वाबों में मुस्का जाते हो तुम।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment