Sunday, February 19, 2023


मेरा मन्दिर, मेरी मस्जिद, काबा-काशी यह मेरी

पूजा-पाठ, ध्यान जप-तप है घट-घट वासी यह मेरी।

कृष्ण चंद्र की क्रीड़ाओं को, अपने आंगन में देखो

कौशल्या के मातृमोद को, अपने ही मन में लेखो।

प्रभु ईसा की क्षमाशीलता, नवी मुहम्मद का विश्वास

जीव दया जिन पर गौतम की, आओ देखो इसके पास।

                  सुभद्रा कुमारी चौहान 

No comments:

Post a Comment