हिन्दी साहित्य
Monday, December 26, 2016
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
कला की पूजा
कलाकार का धर्म
और ना दूजा।
पल खुशी के
अंग-अंग मुस्काये
मन थिरके।
-----------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment