हिन्दी साहित्य
Saturday, December 31, 2016
नव-वर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनायें
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
आकाश तले
नव चन्द्र दर्शन
नव-वर्ष में।
दौज का चाँद
खुशियाँ अनगिन
नव-वर्ष में।
विश्व-भर में
नव-वर्ष की धूम
खुश है जहाँ।
नव-वर्ष में
रोशनी में नहाया
जग सारा ही।
है नया साल
दो हजार सत्रह
एक नंबरी।
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