Thursday, September 17, 2020


वह नहीं नूतन कि जो प्राचीनता की जड़ हिला दे

भूल के इतिहास का आभास ही मन से मिटा दे।

जो पुरातन को नया कर दे मैं उसे नूतन कहूँगा। 

                                         बलवीर सिंह रंग

 

No comments:

Post a Comment