Thursday, August 18, 2022


कृष्ण-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें


कर्मयोगी श्रीकृष्ण

 


कभी नंद की गायें चरायें,

कभी बजायें बाँसुरी वन में।

कभी सुदामा के पग धोयें,

कभी बने सारथि पार्थ के।

कर्मयोगी बनकर ही श्रीकृष्ण

देते संदेश कर्म करने का।


         डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

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