अपनों के साथ।
काँटों भरी डाल खुश है,
फूलों के साथ।
अँधेरी रात खुश है,
तारों के साथ।
सूनी पहाड़ी खुश है,
निर्झर के साथ।
भीगी जिंदगी खुश है,
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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